TITLE- अक्टूबर जंक्शन
AUTHOR- DIVYA PRAKASH DUBEY
PAGES- 150
GENRE- ROMANCE FICTION
PUBLICATION- HINDI YUGM
💕हमारी दो जिंदगियाँ होती हैं
एक जो हम हर दिन जीते हैं
दूसरी जो हम हर दिन जीना चाहते हैं
उस दूसरी ज़िन्दगी के नाम 💕
🌻 ‘अक्टूबर जंक्शन’ चित्रा और सुदीप की उसी दूसरी ज़िंदगी की कहानी है। इस कहानी को पढ़ते हुए आप चित्रा और सुदीप की जिंदगी को जीने लगेंगे.🌻
चित्रा और सुदीप 10 अक्टूबर 2010 को पहली बार बनारस में मिलते हैं और अगले दस साल तक 10 अक्टूबर
को मिलते रहते हैं. इसी एक दशक में बीती चित्रा और सुदीप की कहानी है.
🌹दो लोग जब तक एक दूसरे को यह नहीं बताते हैं कि वे रोते किस बात पर हैं तब तक करीब नहीं आते
🌹कई बार थोड़ी देर के लिए चले जाना बहुत देर के लिए लौट आने की तैयारी के लिए बहुत जरूरी होता है।
🌹ऐसे रिश्ते जो खाली जगह को सहेज कर नहीं रख पाते वो तालाब के पानी के जैसे बासी हो जाते हैं
🌹यह जानते हुए कि यहाँ हमेशा नहीं रहना ऐसे में अपना घर बनाना और घर होना इस दुनिया का सबसे बड़ा धोखा है।
🌹सब कुछ एक दिन ठीक हो जाएगा। इस उम्मीद पर एक नहीं, न जाने कितनी दुनिया चल रही होंगी।
🌹आसपास देखकर पता ही नहीं चलता कौन कितने आंसू लेकर भटक रहा है ।
ऐसी बहुत सी पंक्तियाँ हैं इस किताब में जो आपके साथ ही रह जाएंगी. चित्रा और सुदीप साथ न होकर भी साथ ही रहेंगे हमेशा आपके दिल में.
October junction is a light and beautiful story of Chitra and Sudeep that engrossed you fully till the end. The story was written in a simple Hindi language with fresh storyline. Reading this book is such a delight and it is a very beautiful and relaxing story. This is not a love story this is a life story.
🔹I really loved this book and recommend it to all romance lover.
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