शीर्षक- आको- बाको (कहानी संग्रह)
लेखक- दिव्य प्रकाश दुबे
प्रकाशक- हिन्द युग्म
"हम सभी का कोई- ना- कोई हिस्सा और किस्सा अजीब होता है। हम खुद भी समझ नहीं पाते कि वैसा हमने क्यों किया। "
🌻हम सभी को कहानियाँ पढ़ना और सुनना अच्छा लगता है जब बचपन में हमें पढ़ना नहीं आता था तो हम कहानियाँ सुनते थे जैसे जैसे हम बड़े होते गए हमें कहानियाँ पढ़ना अच्छा लगने लगता है कहानियाँ हमें बहुत कुछ सिखाती हैं, हम कहानी पढ़ते पढ़ते कहानी को जीने लगते हैं। 🌻
🔹आको-बाको में 16 कहानियाँ हैं और हर कहानी का किरदार हम में से ही कोई एक है इसकी हर एक कहानी में आपको अपने आसपास के लोग जरूर मिल जायेंगे।
🌻हर कहानी अपने आप में खास है, कुछ कहानियाँ तो इतनी सुंदर हैं कि आप दो तीन बार तुरंत ही पढ़ लेंगे फिर भी आपको लगेगा कि एक बार और पढ़ लेना चाहिए ।
🔹सभी कहानियाँ बहुत सुंदर हैं और अपनी पसंदीदा कहानी चुनना मेरे लिए बहुत मुश्किल भी पर यह पाँच कहानियाँ दिल के बहुत करीब हैं-
सुपर माॅम,पेन फ्रेंड,संजीव कुमार,विंडो सीट,द्रौपदी
🔹किताब में बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ हैं अगर आप हाइलाइट करने का सोचेंगे तो हर पन्ना रंग जाएगा
🌻अगर पता हो कि दुनिया दो दिन में खत्म हो जाएगी
तब शायद लोग दो दिन जी पाएँ,वरना पूरी जिंदगी उन दो दिनों के इंतजार में बीत जाती है ।
🌻सब कुछ एक दिन ठीक हो जाएगा। इस उम्मीद पर एक नहीं, न जाने कितनी दुनिया चल रही होंगी ।
🌻यादें खो जाएँ तो जिंदगी आसान हो जाती है
हम अपनी यादों से परेशान लोग हैं,
दुनिया तो बहुत बाद में परेशान करती है ।
🌻बड़े लोगों से भगवान खो जाता है
जैसे बच्चों से खिलौना खो जाता है ।
🌻याद समंदर की लहर के जैसे आई और पुराने दिनों की उम्मीद बहाकर ले गई याद रात के तारे की तरह आई,
नींद उड़ाकर चली गई याद हर तरीके से आई,
बस अच्छी याद की तरह नहीं आई ।
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