BOOK TITLE - LOG KYA KAHENGE
AUTHOR- TUSHAR GOEL
GENRE- SELF HELP
PAGES- 68
"चिंता और तनाव उन पक्षियो की तरह है जिन्हें आप अपने आसपास उड़ने से नहीं रोक सकते लेकिन उन्हें अपने मन मे घोसला बनाने से तो रोक ही सकते हैं।"
"कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना "
अगर आप को सच में सफलता हासिल करनी है तो आपको लोगों के बारे मे सोचना छोङ कर अपने लक्ष्य के बारे में सोच कर बस आगे बढ़ते जाना है।
हमें हमेशा नकारात्मक लोगों से दूर रहना चाहिए क्योंकि हम जैसी संगत में रहते हैं वैसे ही कर्म करते हैं इसलिए ये बहुत जरूरी है कि हम अच्छी सोच वालों के साथ रहें ।
"जीवन में एक बात हमेशा याद रखें कि आप हर किसी को खुश नहीं कर सकते, और हर किसी को खुश करने की कोई जरूरत भी नहीं है। जीवन आपका है, तो फिर इससे संबंधित फैसले भी आपके खुद के होंगे जैसे पढ़ाई-नौकरी, शादी, पैसा और सारा कुछ आपका है।"
इस किताब में छ: अध्याय हैं जिसमे लेखक ने सकारात्मक सोच और अपने मन की सुनने के बारे मे बताया है, सभी बातों को लेखक ने कुछ अच्छे उदहारण देकर समझाने का प्रयास किया है। लेखक ने कुछ छोटी छोटी कहानियाँ भी लिखी हैं जो कि एक नयी सीख देती है कुछ कहानियाँ ऐसी है जो आपने पहले से सुन रखी होंगी लेकिन कुछ बिल्कुल नयी है जो पढ़ कर आपको जरूर कुछ न कुछ सीखने को मिलेगा।
लेखक ने बहुत ही सरल हिन्दी भाषा का प्रयोग किया है जिससे आपको पढ़ने और समझने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
🔹किताब में मात्र 68 पन्ने है जिन्हें कम ही समय में पढ़ा और समझा जा सकता है।
🔹अगर आप नये हैं और कुछ मोटिवेशनल पढ़ना चाहते हैं तो आप इसे जरूर पढ़ें ।
“कोई भी इंसान जब इतिहास रचता है तो वह बिल्कुल अकेला ही होता है। सफलता मिलने के बाद तो पूरी दुनिया ही उसके साथ होती है।"
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